सोमवार, 4 अप्रैल 2016

वर्ड कप - 2

फ्री हिट -
मजनू ने लैला को छेड़ा तो लैला ने उसको दो झापड़ रसीद किए.
मजनू ने विनम्रता से लैला से पूछा –
‘मैडम, आप क्रिकेट नहीं देखतीं क्या? नो बॉल करने पर बैट्समैन को एक ही फ्री हिट मिलता है, दो नहीं.’
------------
टॉस –
मजनू ने लैला को दुबारा छेड़ा तो लैला के दो भाइयों ने उसकी जमकर धुनाई की फिर एक ने उसे हवा में सिक्के की तरह उछाल दिया. धड़ाम से नीचे गिरने के बाद कराहते हुए मजनू उठा और लैला के भाइयों के पास जाकर उनसे पूछने लगा –
‘भाई लोगों, ये तो बताओ, तुम में से टॉस कौन जीता?
--------------------------
माफ़ कीजिएगा कैफ़ी साहब -
‘मगर उसने रोका, न मुझको बुलाया, न दामन ही पकड़ा, न आवाज़ ही दी, मैं आहिस्ता, आहिस्ता बढ़ता ही आया. यहाँ तक कि उससे जुदा हो गया मैं, जुदा हो गया मैं.’
’भाई साहब, अपनी माशूक़ा को क्या आप अंपायर, और खुद को वेस्टइंडीज़ वो बैट्समैन समझ रहे थे जिसे कि नो बॉल पर आउट डिक्लेयर कर दिया गया हो और फिर अपनी गलती का एहसास होने पर अंपायर द्वारा जिसे वापस बुलाकर फ्री हिट भी दे दिया गया हो.    
---------------------------------------------------------------------------

3 अप्रैल, 2016 - अंग्रेज़ो ! खाली हाथ, भारत छोड़ो.
अंग्रेजों का ब्रेथवेट से प्रश्न -
'
क्यों रे ब्रेथवेट के बच्चे ! ऐसी भी क्या जल्दी पड़ी थी? प्लेन तो तुझे कल का ही पकड़ना था.'
अंग्रेज़ गब्बर का ब्रेथवेट से अनुरोध - 'ये हाथ हमको दे दे ठाकुर ब्रेथवेट !'
छात्रों को गुरूजी की फटकार -
'
मूर्खो, वेस्टइंडीज़ के लिए 'थ्री चियर्स' क्यों बोल रहे हो? 'फ़ोर चियर्स' कहो. ब्रेथवेट ने लगातार चार सिक्स़र लगाए थे.'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें